Sahara India Refund News : सहारा इंडिया के जितने भी निवेशक हैं उन सभी के लिए एक बड़ी खुशखबरी देखने को मिल रही है। आप सभी को बता दे कि केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया है दरअसल सरकार ने रिफंड अमाउंट को लिमिट को ₹10000 से बढ़कर अब ₹50000 कर दिए हैं सहकारिता मंत्रालय की तरफ से सीनियर अफसर के तरफ से कहा गया कि अगले 10 दिनों में लगभग 1000 करोड रुपए का पेमेंट किया जाएगा।
यहां पैसा सीधे सहारा इंडिया के निवेशकों के खाते में जाएंगे। सरकार की तरफ से बताया गया कि अब तक सीआरसी पोर्टल पर सर समूह की सहकारी समितियां के 4.29 से ज्यादा जमा करता हूं को 370 करोड रुपए जारी किए हैं सरकार रिफंड Sahara India Refund जारी करने से पहले जमा करता हूं के क्लेम की सावधानी से जांच कर रही है।
सहारा ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
आप सभी को बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के तरफ से सहारा समूह को कड़ी फटकार लगाया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा ग्रुप से कहा था कि वह अपनी संपत्ति बेचकर निवेशकों को पैसा जल्द से जल्द लौटाए। कोर्ट के तरफ से कहा गया कि सेबी सहारा रिफंड खाते में 10000 करोड रुपए जमा करने के लिए समूह को प्रॉपर्टी बेचने से कोई रोक नहीं सकता है।
झारखंड में सहारा निवेशकों के तरफ से आंदोलन तेज
आप सभी को बता दे की एक ताजा खबर देखने को मिल रही है सहारा इंडिया में निवेश करने वाले लोग झारखंड में आंदोलन तेजी से कर रहे हैं। प्रभात खबर के अनुसार बोकारो जिला के पेटरवार के गांव के सैकड़ो निवेशकों ने जुलूस निकाला और अपना पैसा वापस दिलाने की मांग कर रहे हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में कई घाट संगठनों और पेट काटकर भविष्य के लिए सहारा इंडिया में पैसे जमा किए थे, वह सभी निवेशक अब बड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी ने लंबा जुलूस निकाला और बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचे। जुलूस में महिला एवं पुरुष सैकड़ो में शामिल थे। जुलूस में नारा लगा रहा था कि हमारा पैसा वापस करो हमारा पैसा वापस करो। जुलूस पटवार प्रखंड मुख्यालय पहुंचा यहां भाजपा के नेताओं के साथ-साथ जुलूस में शामिल अन्य संगठनों के नेताओं ने भी भीड़ को संबोधित किए हैं।
सरकार और प्रशासन के द्वारा पैसा दिलाने की मांग
प्रखंड मुख्यालय में वीडियो संतोष कुमार महतो को इन नेताओं ने विज्ञापन सोप है। इसके बाद नेताओं ने कहीं की जिस तरह अपनी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम चल रहा है इस तरह पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर प्रशासनिक पदाधिकारी निवेशकों को कागजात की जांच करें और उनका पैसा वापस दिलाए।